Tuesday 4 October 2011

ashtnaaikaa

महामाया तमोगुणी महाकाली 
मधु कैटभ मर्दिनी काजळा एसी दिसे काळी 
दशभुज दशपाद  दशानना  सावळी
हरीची योगनिद्रा  भगवती  चांगली 
जय महाकाली तुज नमो 

सर्व देवातामय त्रिगुण रुपिणी
महिषमर्दिनी अष्टादशा भुजा धारिणी 
सकळाच्या  आदीची जाण नारायणी 
जय महालक्ष्मी तुज नमो 

वेद गर्भा महाविद्या कामधेनु भारती 
गौरी देहापासून जियेची उत्पती 
शुंभ निश्नुभ मर्दिनी  भवानी भगवती 
जय महासेस्वती तुज नमो 
इंदिरा कमला श्री लक्ष्मी सुखदायी 
सुवर्ण मयी  कांती दिसते वसे सरोजी 
स्तवन पूजने भक्तासी प्रेममयी 
जय नंदा देवी तुज नमो 

रक्तवर्ण रक्त वसनी रक्त भूषणे सर्वांगी 
रक्त उपचार प्रिय असे ती रक्तांगी 
व्यापुनी उरली रक्त चामुंडा  सकळ जगी 
जय योगेश्वरी तुज नमो 

अयोनिज स्वरूपा शत नेत्र शाकंबरी 
नीलवर्णी  नील लोचना  कालिका गौरी 
दुर्गमासुरा  वधुनी दुर्गा परमेश्वरी 
जय शांकरी तुज नमो 

नीलवर्ण नील वस्त्राकिंता  देवी एकविरा 
काम दात्री  सदा भक्तासी  पावे सत्वरा 
रूप भयंकर धरिले  संहाराया असुरा 
कालरात्री होई विख्यात या भूवर 
जय भिमादेवी तुज नमो 

चित्र वर्णी  भ्रमर रुपी देवी अंबा  भ्रामरी 
भ्रमर पंक्ती  गुंजारव  रुपी एसी महामारी 
अरुणासुरा मर्दुनी  त्रैलोक्य सुंदरी 
जप ध्यान पूजन स्मरणे  भक्ता तारी 
जय भ्रामरी तुज नमो 

कार्यानुसार अवतार घेतसे  अंबा निरंतर 
केले शत्रू निर्दालन  वेळी वेळी  सत्वर 
व्यापुनी उरली शून्य  साक्षी चराचर 
आदी शक्ती महाशक्तीला  त्रिवार नमस्कार 








जय जगदंबे तुज नमो 

No comments:

Post a Comment